10 कारणों से क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, और इसे कई कारणों से मनाया जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्व: जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया है, हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने इस दिन परशुराम के रूप में अवतार लिया था।

हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्व: जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया है, हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने इस दिन परशुराम के रूप में अवतार लिया था। ऐसा माना जाता है कि उनका जन्म क्षत्रिय राजाओं के अत्याचार को समाप्त करने के लिए हुआ था, जो भ्रष्ट और दमनकारी हो गए थे। साथ ही, यह भी माना जाता है कि भगवान गणेश ने इसी दिन महाकाव्य महाभारत लिखना शुरू किया था।

सत्य युग की शुरुआत: हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, अक्षय तृतीया का दिन सत्य युग, स्वर्ण युग की शुरुआत का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन पांडवों को भगवान कृष्ण से कभी खाली न होने वाला पात्र अक्षय पात्र प्राप्त हुआ था, जिसने वनवास के दौरान उनकी मदद की थी।

नए उद्यम शुरू करने के लिए शुभ दिन: नए उद्यम शुरू करने, निवेश करने और नई परियोजनाओं को शुरू करने के लिए यह दिन शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शुरू किया गया कोई भी कार्य विपुलता और समृद्धि लाता है।

प्रचुरता का दिन: अक्षय शब्द का अर्थ है ‘शाश्वत’ या ‘कभी कम न होने वाला’ और ऐसा माना जाता है कि इस दिन शुरू किया गया कोई भी काम प्रचुरता और समृद्धि लाएगा। लोग इस दिन सोना या अन्य कीमती सामान खरीदते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि वे परिवार में सौभाग्य और समृद्धि लाएंगे।

प्रेम और विवाह का उत्सव: यह दिन विवाह के लिए भी शुभ माना जाता है और कई जोड़े इस दिन परिणय सूत्र में बंधते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए विवाह जोड़े को सुख, समृद्धि और दीर्घायु प्रदान करते हैं।

धार्मिक महत्व: अक्षय तृतीया जैनियों द्वारा भी मनाई जाती है, जिनका मानना है कि यह वह दिन है जब पहले जैन तीर्थंकर ऋषभदेव ने गन्ने का रस पीकर अपना साल भर का उपवास तोड़ा था। यह भी माना जाता है कि उन्हें अपना पहला शिष्य गंधार गौतम इसी दिन प्राप्त हुआ था।

दान का दिन: लोग दान के कार्य करते हैं और इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और पैसे दान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

घर की मरम्मत के लिए शुभ दिन: कई लोग अक्षय तृतीया को घर की मरम्मत और सुधार शुरू करने के लिए एक शुभ दिन मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन इस तरह की गतिविधियों से परिवार में सौभाग्य और समृद्धि आती है।

उपवास और प्रार्थना का दिन: भक्त उपवास करते हैं और देवताओं से आशीर्वाद लेने के लिए पूजा (पूजा) करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

ज्योतिष में महत्व: इस दिन सितारों और ग्रहों की स्थिति निवेश करने और सोना जैसी कीमती धातु खरीदने के लिए शुभ मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन इस तरह के निवेश से परिवार में सौभाग्य और समृद्धि आती है।

ये कुछ कारण हैं कि क्यों अक्षय तृतीया को पूरे भारत में बहुत उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

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